वो मुझे मिली भी तो कहा फेसबुक पे पर म? सच्ची प्रेम कहानी

जिसे नजरो ने ढूंढा इधर उदार उससे हम जा मिले फेसबुक पर जिक्र तो उनका कर नहीं सकता आपनी टूटी फूटो अल्फाजो से अब आगे क्या सुनाऊ उसकी भूली बिश्री यादो को !
वो महीने का कोन सा तारिक है मुझे नहीं पता रोज कि तहर सुबह सुबह पापा अरे अभी तक सो रहे हो चलो उठ सुबह के १० बजने वाले है क्या तुझे कोई कम धाम नहीं मिलता आज कल तो पढ़ाई से तो तुम्हारा कोई मतलब ही नहीं रहता इतने में माँ ने पापा से कही छोरिये भी न माँ कि बात सुन पापा अपने कम पे चले गये पापा के जाते ही मन ही मन क्या सुबह सुबह पापा कि डट खानी पड़ती है माँ बेटा चलो मुह हाथ धो के नास्ता कर लो मै भी नास्ता करके पढाई छोड खलने को चला गया मुझ पापा कि बात का जैसे कोई फ़िक्र ही नही हुई अब क्या था मै उस दिन अपने दोस्तों के साथ खेल ही रहा था तभी कुछ दोस्तों को फेसबुक चलते हुए देखा वे अपने मोबाइल मै ही अपना फेसबुक अकाउंट चला रहे थे मैंने भी अपने दोस्तों से कहा मेरा भी फेसबुक अकाउंट बन दो न तभी मेरे दोस्तों ने मेरा फेसबुक अकाउंट बना दिया मै भी फेसबुक अकाउंट बना लिया कुछ दोस्तों को फ्रेंड्स रिक्वेस्ट सेंड कर दिया अब मुझे फेसबुक चलाना बहुत ही अच्छा लगाने लगा फेसबुक यूज़ करने के लिए मै अपनी माँ के कहा कि वो मुझे पापा से एक मोबाइल दिला दे मै खूब जिद्द किया तो माँ ने पापा कह मुझे एक मोबाइल दिला दी अब क्या था मै ओर बिगर गया अब तो बस मै फेसबुक पे ही लगा रहता अचानक एक दिन मुझे एक लड़की का फ्रेंड्स रिक्वेस्ट आया और मै उसको एक्सेप्ट कर लिया पता नहीं उस दिन मुझे क्या हो गया मै उसी कि याद सारा दिन बिता दिया अब तो अपनी भी फिक्र नहीं होती ये मुझे क्या हो गया शायद मुझे उस कि प्रोफाइल इमेजेज ही चैक नहीं करनी चाहिए थी अब तो मेरे आखो मै उसी कि प्रोफाइल इमेजेज सामने आ रही थी बाद में मै भी उसे मेसेज किया तो हम को तुरन्त ही उस मैसेज का जब्बाब मिल गया अब क्या था हम दुनो के बीच दोस्ती बढ़ती ही गईं अब दोस्ती कब प्यार मै तप्दिल हो गई मुझे पता भी नहीं चला हम दोनों के बिच प्यार और नजदीकिय बढाती ही जा रही थी और हम दोनों एक दुशरे को पा के काफी खुश थे पर आप तो वो कहानी सुनी ही होगी न कि प्यार का पहला ही अक्षर ही आधुरा है तो फिर आज ये प्रेंम कहानी कैसे पूरी हो सकती है आज मै ये बाते इसीलिए कर रहा हूँ क्योकि मै उसे छोड कर आपने मासी के घर को जा रहा हूँ !
आज मै अपने मासी के घर आ गया हूँ फिर भी उसकी यद् काफी आ रही है मन भी नहीं लगरह है यहाँ मेरे कोई दोस्त भी नहीं है जो मै उन से जा के बात करके अपना मन बहला लू मै चुपचाप उसको याद ही कर रहा था कि तभी अचानक उस कि कॉल आ गई मै एक दम से काफी खुश हो गया चलो उसकी आवाज तो सुनने को मिलेगी पर ये क्या मै फोन पे उस कि हिचकिय सिसकती आवाजो को सुन कर मै एक दम से दंग ससा रह गया वो काफी रो रही थी मेरे काफी मनाने के बाबजूद वो चुप हुई अब तो मरी जन में जन आई अगर आज वो मरे सामने होती तो मै उससे जा के लिपट जाता पर मै क्या करता वो तो मुझसे काफी दूर थी फिर मैंने पूछा तुम्हे क्या हुआ तो उसने अपनी लडखडाती हुई दबी डरी जुबानो से बोले मरी शादी तैय हो गई है इतनी बातो को सुनने के बाद तो मेरी पाव तले जमीन ही खिसक गई मै तो एक दम सा रह गया न जाने आज ये मुझपे कोन सा कहर टूट गया फिर भी मने उसे हँसाने के लिए उसी कि कही अनकही सुनी अनसुनी एक सुनहरा सा अल्फाज कह डाला इस अल्फाज में मै अपने मन से कुछ जोड़ कर कह डाला !
{मेरे दिल जीगर लीवर मे थी तुम बक्त बेबक्त आई फीवर थी तुम अब तो मेरे लाइफ मै नोट फॉरएवर हो चुकी हो तुम माई डीयर आई मिस यु }
Not a fack story that is true
Written by story
बैजू सिंह राठौर
Comment ( 1 )

Guest
Sachcha pyar wohi hai jo kabhi milta hi nahin

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